चुनाव से पहले यूपी में बापू पर की विवादित टिप्पणी, कहा- ‘जो हिंदुओं का सम्मान नहीं कर…’

प्रयागराज: देश के सबसे बड़े राज्य यूपी में प्रयागराज के संत सम्मेलन में महात्मा गांधी पर आपत्तिजनक बयान सामने आया है। अनुयायियों से भारत के साथ हिंदू राष्ट्र लिखने की मांग की गई है। वहीं मुसलमानों का अल्पसंख्यक दर्जे को समाप्त करने की मांग की गई है। वहीं, इससे पूर्व भी धर्मसंसद पर कई प्रकार की बातें उठी थी। जिसे लेकर प्रश्न खड़े हुए थे। इस के चलते भारत की सरकार के समक्ष कुछ बड़े प्रस्ताव भी रखे गए हैं। जिसमें उन्होंने यति नरसिंहानंद तथा वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र त्यागी की जमानत की तो मांग की।

वहीं, शंकराचार्य नरेंद्रानंद सरस्वती ने धर्म संसद में मांग की है कि उत्तराखंड सरकार बगैर शर्त नरसिंघानंद यति तथा जितेंद्र नारायण त्यागी को एक माह के अंदर तत्काल रिहा करें। ऐसा नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी गई है। उन्होंने ये भी बताया कि धर्मांतरण करने वालों को फांसी तथा हिंदुओं को 5 बच्चे पैदा करने का आग्रह किया हैं।

 

आपको बता दें कि पहले प्रस्ताव में धर्म संसद में उपस्थित संतों ने भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करने की बात कही है। वहीं, दूसरे प्रस्ताव में धर्मांतरण के मामलों को पूर्ण रूप से रोकने के लिए कानून को और कठोर किए जाने की मांग की गई तथा धर्मांतरण कराने वालों को फांसी की सजा दिए जाने की मांग की गई। तीसरे प्रस्ताव में हरिद्वार धर्म संसद में भड़काऊ भाषण देने वाले स्वामी यति नरसिंहानंद तथा जितेंद्र त्यागी उर्फ वसीम रिजवी को बगैर शर्त जेल से रिहा किए जाने की भी मांग की गई। वहीं, महामंडलेश्वर प्रभुदानंद महाराज ने इस्लामिक धर्म को लेकर अपनी जमकर भड़ास निकाली तथा जिहादी बिल्ली बताते हुए हिंदुओं को कबूतर बता दिया। उनकी ओर से बोला गया कि जो भी देश विरोधी गतिविधियों में सम्मिलित है तथा जो हिंदुओं का सम्मान नहीं कर सकते, उन्हें पाकिस्तान या फिर बांग्लादेश वापस चले जाना चाहिए।

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